
Hindi Vs English: देश में एक बार फिर हिंदी और अंग्रेजी भाषा को लेकर सियासी बहस छिड़ गई है। जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की बात करते हुए अंग्रेजी पर तंज कसा, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसका विरोध करते हुए अंग्रेजी को ताकत बताया है।
अमित शाह बोले – हिंदी हमारी पहचान
गुरुवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी भाषा की तारीफ करते हुए कहा कि एक दिन अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति, इतिहास और धर्म को समझने के लिए किसी विदेशी भाषा की जरूरत नहीं है। उनका मानना है कि आधी-अधूरी विदेशी भाषाओं के सहारे संपूर्ण भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय भाषाएं हमारी संस्कृति के रत्न हैं और इनके बिना हम सच्चे भारतीय नहीं बन सकते।
राहुल गांधी का पलटवार – अंग्रेजी शर्म नहीं, शक्ति है
इस बयान के 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि अंग्रेज़ी कोई जंजीर नहीं, बल्कि जंजीरें तोड़ने का औजार है। अंग्रेज़ी शर्म नहीं, एक शक्ति है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस नहीं चाहते कि भारत का गरीब बच्चा अंग्रेज़ी सीखे, क्योंकि वे नहीं चाहते कि वह आगे बढ़े और सवाल पूछे।
“हर बच्चे को अंग्रेजी सिखानी चाहिए”
राहुल ने आगे कहा कि भारत की हर भाषा में आत्मा और संस्कृति है, लेकिन आज की दुनिया में अंग्रेजी उतनी ही जरूरी है जितनी हमारी मातृभाषा। यही भाषा नौकरी दिलाने, आत्मविश्वास बढ़ाने और दुनिया से मुकाबला करने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को अंग्रेजी सिखानी चाहिए ताकि वह बराबरी का हक पा सके।
भाषा पर राजनीति जारी
हालांकि राहुल ने अपने पोस्ट में सीधे अमित शाह का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान का इशारा साफ था। एक तरफ अमित शाह हिंदी को राष्ट्र की आत्मा बताते हैं, तो दूसरी तरफ राहुल गांधी अंग्रेजी को अवसरों की चाबी मानते हैं।